जल संसाधन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
➦ 1. जल संभर विकास क्या है ?
➥ उत्तर - जल संभर सहायक नदी की द्रोणी है। इसमें एक छोटी नदी हो सकती है अथवा नहीं भी हो सकती है, परंतु जब कभी वर्षा होती है तो वहाँ से होकर जल बहता है और अंततः किसी न किसी नदी में मिल जाता है। इस प्रकार जल संभर एक भू-आकृतिक इकाई है और इसका उपयोग सुविधानुसार छोटे प्राकृतिक इकाई क्षेत्रों में समन्वित विकास के लिए किया जाता है।
➦ 2. वर्षा जल संग्रहण क्या है ?
➥ उत्तर - वर्षा जल संग्रहण भूमिगत जल की क्षमता को बढाने की तकनीक है। इसमें वर्षा के जल को रोकने और इकट्ठा करने के लिए विशेष ढाँचों जैसे- कुँए, गड्ढे, बाँध आदि का निर्माण किया जाता है। इसके द्वारा न केवल जल का संग्रहण होता है, अपितु जल को भूमिगत होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा हो जाती है।
➦ 3. भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है ?
➥ उत्तर - भारत में मानसूनी जलवायु पायी जाती है। मानसूनी जलवायु में वर्षा निश्चित नहीं होती। इसलिए जहाँ पर कम वर्षा होती है वहाँ पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।
➦ 4. नदी घाटी परियोजना क्या है ?
➥ उत्तर - ऐसी परियोजनाएँ जो बाढ़ नियन्त्रण जल-विद्युत निर्माण, जल आपूर्ति, सिंचाई प्रबन्धन आदि, उद्देश्यों से नदियों पर बाँध बनाकर लागू की जाती हैं, नदी-घाटी परियोजनाएँ कहलाती हैं।
➦ 5. बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना से क्या लाभ है ?
➥ उत्तर - बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना से निम्नांकित लाभ हैं -
(क) बाढ़ों पर नियंत्रण,
(ख) विद्युत उत्पादन,
(ग) अंतःस्थलीय जल परिवहन,
(घ) मृदा अपरदन पर रोक।
➦ 6. तीन नदी घाटी परियोजनाओं के नाम बताएँ।
➥ उत्तर - नदी घाटी परियोजनाएँ -
(क) दामोदर घाटी परियोजना (दामोदर नदी पर)
(ख) भाखड़ा-नांगल घाटी परियोजना (सतलज नदी पर)
(ग) चंबल घाटी परियोजना (चंबल नदी पर)
➦ 7. नदी द्रोणी किसे कहते हैं ?
➥ उत्तर - नदी द्रोणी (बेसिन) एक क्षेत्र है, जिसके जल को नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहाकर ले जाती हैं। जल संभर सहायक नदी की द्रोणी है, इसमें एक छोटी नदी हो सकती है अथवा नहीं भी, परंतु जब कभी वर्षा होती है तो वहाँ से होकर जल बहता है और अंततः किसी न किसी नदी में मिल जाता है।
➦ 8. उन राज्यों के नाम लिखें जिनसे होकर नर्मदा नदी बहती है।
➥ उत्तर - नर्मदा नदी भारत के दो राज्यों, मध्यप्रदेश और गुजरात से होती हुई पश्चिमी दिशा में बहती हुई अन्त में अरब सागर में गिर जाती है।
➦ 9. दो राज्यों के नाम लिखें जिनसे होकर महानदी बहती है।
➥ उत्तर - महानदी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से होकर बहती है। यह छत्तीसगढ़ से निकलती है और फिर उड़ीसा से होती हई पूर्वी दिशा में जाकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
➦ 10. धरातलीय जल के मुख्य स्रोत कौन-कौन से होते हैं ?
➥ उत्तर - धरातल पर जल पोखरों, तालाबों, नदियों और जलाशयों में पाया जाता है।
➦ 11. भारत में सिंचाई के तीन मुख्य साधन कौन-कौन से हैं ?
➥ उत्तर - भारत में सिंचाई के मुख्य तीन साधन है-
(क) कुँए, (ख) नलकूप, (ग) तालाब |
➦ 12. पृथ्वी पर जल के मूल स्रोत क्या हैं ? भूमि पर जल का संग्रहण किन रूपों में होता है ?
➥ उत्तर - पृथ्वी पर ताजे जल का मूल स्रोत वर्षा और हिमपात है। इसका एक भाग धरातलीय जल के रूप में बहता है और संग्रहीत होता है तथा एक भाग रिसकर भूमि में समा जाता है। इसका कुछ भाग वाष्पीकरण द्वारा वायु में मिल जाता है।
➦ 13. सदानीरा नदियों से क्या तात्पर्य है ?
➥ उत्तर - सदानीरा वे नदियाँ हैं जिनमें सालों भर जल की पर्याप्त मात्रा रहती है। ये नदियाँ हिमालय के बर्फयुक्त क्षेत्रों से निकलती हैं इसलिए शुष्क ऋतुओं में भी हिम पिघलकर इन नदियों में जल की मात्रा को बनाए रखता है।
➦ 14. मौसमी नदियाँ क्या हैं ? इनके उदाहरण दें।
➥ उत्तर - मौसमी नदियों में जल की पर्याप्त मात्रा केवल वर्षा ऋतु में रहती है। शेष ऋतु में या तो ये नदियाँ सुख जाती हैं या जल की मात्रा घट जाती है। जैसे - गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियाँ मौसमी हैं।
➦ 15. हमारे देश के अनेक भागों में पानी को एकत्रित करने एवं संरक्षित करने के लिए जल संरक्षण ढाँचों की आवश्यकता क्यों है? दो कारण दें।
➦ अथवा, जल संसाधनों का संरक्षण करना क्यों आवश्यक है ? दो कारण दें।
➥ उत्तर - हमारे देश के अनेक भागों में पानी को एकत्रित करने एवं संरक्षित करने के लिए जल संरक्षण ढाँचों की निम्न कारणों से आवश्यकता है -
(क) कम वर्षा के कारण जल संरक्षण ढाँचे, मानव-निर्मित झीलें तथा बाँध आवश्यक रूप से बनाए जाते हैं। जैसे- गुजरात व राजस्थान में।
(ख) सिंचाई के उद्देश्यों के लिए जल संरक्षण अति आवश्यक है क्योंकि मानसून अनियमित तथा कमजोर रहता है।
➥ उत्तर - जल संभर सहायक नदी की द्रोणी है। इसमें एक छोटी नदी हो सकती है अथवा नहीं भी हो सकती है, परंतु जब कभी वर्षा होती है तो वहाँ से होकर जल बहता है और अंततः किसी न किसी नदी में मिल जाता है। इस प्रकार जल संभर एक भू-आकृतिक इकाई है और इसका उपयोग सुविधानुसार छोटे प्राकृतिक इकाई क्षेत्रों में समन्वित विकास के लिए किया जाता है।
➦ 2. वर्षा जल संग्रहण क्या है ?
➥ उत्तर - वर्षा जल संग्रहण भूमिगत जल की क्षमता को बढाने की तकनीक है। इसमें वर्षा के जल को रोकने और इकट्ठा करने के लिए विशेष ढाँचों जैसे- कुँए, गड्ढे, बाँध आदि का निर्माण किया जाता है। इसके द्वारा न केवल जल का संग्रहण होता है, अपितु जल को भूमिगत होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा हो जाती है।
➦ 3. भारत में सिंचाई क्यों आवश्यक है ?
➥ उत्तर - भारत में मानसूनी जलवायु पायी जाती है। मानसूनी जलवायु में वर्षा निश्चित नहीं होती। इसलिए जहाँ पर कम वर्षा होती है वहाँ पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।
➦ 4. नदी घाटी परियोजना क्या है ?
➥ उत्तर - ऐसी परियोजनाएँ जो बाढ़ नियन्त्रण जल-विद्युत निर्माण, जल आपूर्ति, सिंचाई प्रबन्धन आदि, उद्देश्यों से नदियों पर बाँध बनाकर लागू की जाती हैं, नदी-घाटी परियोजनाएँ कहलाती हैं।
➦ 5. बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना से क्या लाभ है ?
➥ उत्तर - बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना से निम्नांकित लाभ हैं -
(क) बाढ़ों पर नियंत्रण,
(ख) विद्युत उत्पादन,
(ग) अंतःस्थलीय जल परिवहन,
(घ) मृदा अपरदन पर रोक।
➦ 6. तीन नदी घाटी परियोजनाओं के नाम बताएँ।
➥ उत्तर - नदी घाटी परियोजनाएँ -
(क) दामोदर घाटी परियोजना (दामोदर नदी पर)
(ख) भाखड़ा-नांगल घाटी परियोजना (सतलज नदी पर)
(ग) चंबल घाटी परियोजना (चंबल नदी पर)
➦ 7. नदी द्रोणी किसे कहते हैं ?
➥ उत्तर - नदी द्रोणी (बेसिन) एक क्षेत्र है, जिसके जल को नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहाकर ले जाती हैं। जल संभर सहायक नदी की द्रोणी है, इसमें एक छोटी नदी हो सकती है अथवा नहीं भी, परंतु जब कभी वर्षा होती है तो वहाँ से होकर जल बहता है और अंततः किसी न किसी नदी में मिल जाता है।
➦ 8. उन राज्यों के नाम लिखें जिनसे होकर नर्मदा नदी बहती है।
➥ उत्तर - नर्मदा नदी भारत के दो राज्यों, मध्यप्रदेश और गुजरात से होती हुई पश्चिमी दिशा में बहती हुई अन्त में अरब सागर में गिर जाती है।
➦ 9. दो राज्यों के नाम लिखें जिनसे होकर महानदी बहती है।
➥ उत्तर - महानदी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से होकर बहती है। यह छत्तीसगढ़ से निकलती है और फिर उड़ीसा से होती हई पूर्वी दिशा में जाकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
➦ 10. धरातलीय जल के मुख्य स्रोत कौन-कौन से होते हैं ?
➥ उत्तर - धरातल पर जल पोखरों, तालाबों, नदियों और जलाशयों में पाया जाता है।
➦ 11. भारत में सिंचाई के तीन मुख्य साधन कौन-कौन से हैं ?
➥ उत्तर - भारत में सिंचाई के मुख्य तीन साधन है-
(क) कुँए, (ख) नलकूप, (ग) तालाब |
➦ 12. पृथ्वी पर जल के मूल स्रोत क्या हैं ? भूमि पर जल का संग्रहण किन रूपों में होता है ?
➥ उत्तर - पृथ्वी पर ताजे जल का मूल स्रोत वर्षा और हिमपात है। इसका एक भाग धरातलीय जल के रूप में बहता है और संग्रहीत होता है तथा एक भाग रिसकर भूमि में समा जाता है। इसका कुछ भाग वाष्पीकरण द्वारा वायु में मिल जाता है।
➦ 13. सदानीरा नदियों से क्या तात्पर्य है ?
➥ उत्तर - सदानीरा वे नदियाँ हैं जिनमें सालों भर जल की पर्याप्त मात्रा रहती है। ये नदियाँ हिमालय के बर्फयुक्त क्षेत्रों से निकलती हैं इसलिए शुष्क ऋतुओं में भी हिम पिघलकर इन नदियों में जल की मात्रा को बनाए रखता है।
➦ 14. मौसमी नदियाँ क्या हैं ? इनके उदाहरण दें।
➥ उत्तर - मौसमी नदियों में जल की पर्याप्त मात्रा केवल वर्षा ऋतु में रहती है। शेष ऋतु में या तो ये नदियाँ सुख जाती हैं या जल की मात्रा घट जाती है। जैसे - गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियाँ मौसमी हैं।
➦ 15. हमारे देश के अनेक भागों में पानी को एकत्रित करने एवं संरक्षित करने के लिए जल संरक्षण ढाँचों की आवश्यकता क्यों है? दो कारण दें।
➦ अथवा, जल संसाधनों का संरक्षण करना क्यों आवश्यक है ? दो कारण दें।
➥ उत्तर - हमारे देश के अनेक भागों में पानी को एकत्रित करने एवं संरक्षित करने के लिए जल संरक्षण ढाँचों की निम्न कारणों से आवश्यकता है -
(क) कम वर्षा के कारण जल संरक्षण ढाँचे, मानव-निर्मित झीलें तथा बाँध आवश्यक रूप से बनाए जाते हैं। जैसे- गुजरात व राजस्थान में।
(ख) सिंचाई के उद्देश्यों के लिए जल संरक्षण अति आवश्यक है क्योंकि मानसून अनियमित तथा कमजोर रहता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
➦ 1. व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है ?
➥ उत्तर - नवीकरण योग्य संसाधन वे होते हैं जिनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है। इस परिभाषा के अनुसार जल भी एक नवीकरण योग्य संसाधन है। पानी समुद्रों, नदियों, झीलों और खेतों आदि से वाष्प बनकर उड़ता रहता है। आखिर में जाकर जब ये वाष्प ठण्डे हो जाते हैं तो वे फिर वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आ जाते हैं। यह जल-चक्र जल को एक नवीकरण योग्य संसाधन बना देता है। जिसका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
➦ 2. जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं ?
➥ उत्तर - जल यद्यपि प्रकृति का असमाप्त होने वाला उपहार है फिर भी असमान वितरण, अत्यधिक माँग एवं दुरुपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल दुर्लभ होता जा रहा है। जल की कमी की इस समस्या को जल दुर्लभता कहते हैं।
जल दुर्लभता के कारण :-
(क) संसार भर में जितना पानी उपलब्ध है उसका 2.5% ही मीठे पानी का है। इस मीठे जल का कोई 70% भाग पहाड़ों पर बर्फ के रूप में पाया जाता है। इस प्रकार मीठे और स्वच्छ पानी की मात्रा बहुत कम रह जाती है।
(ख) निरन्तर बढ़ रही जनसंख्या के कारण भी प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता निरन्तर कम होती जा रही है।
(ग) जब हम खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता से अधिक प्रयोग करते हैं तो भी पानी की कमी हो जाती है।
(घ) नित्य प्रति बढ़ने वाले उद्योगों के कारण भी पानी की कमी हो जाती है। कई उद्योगों (जैसे- कागज उद्योग, इस्पात उद्योग आदि) में पानी की बड़ी खपत हो जाती है।
(ड) शहरों के निरन्तर बढ़ने से भी पानी की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है, जिसके कारण पानी की कमी हो जाती है।
➦ 3. राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है ? व्याख्या करें।
➥ उत्तर - राजस्थान का एक बड़ा भाग मरुस्थल है इसलिए यहाँ पानी का अभाव सदा ही एक समस्या बना रहा है। इस तथ्य को सामने रखते हुए वहाँ के विभिन्न शासकों ने अनेक प्रकार के जलाशयों का निर्माण करके इस समस्या को दूर करने का प्रयत्न किया। आज भी बहुत से जलाशय हमें राजस्थान के विभिन्न भागों में देखने को मिल जाते हैं । राजस्थान में कुछ मानव निर्मित झीलें और सरोवर इस प्रकार हैं - 11 वीं शताब्दी में परमार राजा भोज द्वारा निर्मित भोपाल ताल, उदयपुर में पिछौला और उदय सागर, जैसलमेर में गडसीसर, अजमेर में अनासागर, जयपुर के निकट जयगढ़ का किला जल संग्रहण तथा अभियांत्रिकी का उत्तम नमूना प्रस्तुत करता है। ये प्रयत्न समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हमारी विरासत का एक महत्त्वपूर्ण पहलू हैं। पानी की कमी को पूरा करने के लिए राजस्थान में अनेक बावड़ीयों (सीढ़ियों वाले कुँओं) का निर्माण किया गया।
➦ 4. जल संसाधन से क्या समझते हैं ? इससे होने वाले लाभ लिखें।
➥ उत्तर - पृथ्वी पर प्राप्त जल का वह भाग जिसका उपयोग मानव के द्वारा किसी-न-किसी रूप में किया जाता है जल संसाधन कहलाता है।
इससे होने वाले लाभ :-
(क) कृषि में सिंचाई के लिए,
(ख) पीने और घरेलु कार्यों में,
(ग) औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति में,
(घ) सभी प्रकार के गंदगी के निपटान के लिए।
➦ 5. जल संरक्षण के विभिन्न उपाय बताएँ।
➥ उत्तर - जल संरक्षण के उपाय :-
(क) जल को संशोधित करके इसे बार-बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ख) वर्षा के दिनों में जो जल व्यर्थ में बहकर समुद्र में चला जाता है उसे नहरें खोदकर सिंचाई के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) बड़े-बड़े गहरे तालाब बनाकर इस पानी को एकत्रित किया जा सकता है और गर्मी के महीनों में जल का प्रयोग सिंचाई अथवा अन्य कार्यों में किया जा सकता है।
(घ) पानी का संरक्षण करके हम अधिक उपज पैदा कर सकते हैं और अधिक बिजली पैदा करके हम कोयले और तेल जैसे अनापूर्ति स्रोतों को बचा सकते हैं। जल प्रकृति की महान देन है इसलिए इसका उपयोग बड़ी समझदारी से करना चाहिए।
➦ 6. जीवन में जल के महत्व का वर्णन करें।
➥ उत्तर - जीवन में जल के महत्व निम्नांकित हैं :-
(क) जल मनुष्यों, पौधों और जन्तुओं के अस्तित्व तथा विकास के लिए आवश्यक है।
(ख) जल समुद्री मार्ग के रूप में यातायात का महत्वपूर्ण साधन होता है।
(ग) जल सिंचाई का साधन होता है।
(घ) जल मनुष्य को पीने, खाना बनाने, कपड़े धोने तथा अन्य घरेलू कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।
(ङ) जल से जलविद्युत बनाई जाती है।
➦ 7. वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य क्या हैं?
➥ उत्तर - वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य :-
(क) जल की बढ़ती माँग को पूरा करना,
(ख) धरातल पर बहते जल की मात्रा को कम करना,
(ग) सड़कों को जल भराव से बचाना,
(घ) भौम जल को इक्ट्ठा करने की क्षमता तथा जलस्तर को बढ़ाना,
(ङ) भौम जल प्रदूषण को घटाना,
(च) भौम जल की गुणवत्ता को बढ़ाना,
(छ) ग्रीष्म ऋतु तथा लंबी शुष्क अवधि में जल की घरेलू आवश्यकता को पूरा करना।
➦ 8. वर्षा जल-संग्रहण के लाभों को लिखें।
➥ उत्तर - वर्षा जल-संग्रहण के लाभ :-
(क) इसे साफ करके स्थानीय लोगों की पानी पीने की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।
(ख) इस पानी को वर्षा के कम होने या न होने के समय खेतों की सिंचाई करने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) इस पानी का एक लाभ यह भी होता है कि धरातल के नीचे पानी का स्तर ऊँचा रहता है जिससे कुंओं और नल-कूपों द्वारा पानी बाहर निकाल कर प्रयोग में लाया जा सकता है।
(घ) इस ढंग से जल संग्रहण के परिणामस्वरूप शहरों में गन्दे जल की निकास व्यवस्था पर भी इतना बोझा नहीं पड़ता।
जब वर्षा जल-संग्रहण के इतने लाभ हैं तो लोगों को विशेषकर ग्रामीण लोगों को इससे पूरा-पूरा लाभ उठाना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार हमारा एक साधारण गाँव कोई 340 हैक्टेयर भूमि पर 3.75 बिलियन लिटर पानी को एकत्रित कर सकता है और सूखे की स्थिति और दुर्भिक्ष की स्थिति से बच सकता है।
➦ 9. बाँध क्या है ? वे जल के संरक्षण एवं प्रबंधन में कैसे सहायक है ?
➥ उत्तर - बाँध सामान्य रूप से एक जलाशय है। इसका निर्माण बहते जल को रोकने, जल की दिशा बदलने आदि के लिए किया जाता है। बाँध में एक ढलवाँ हिस्सा होता है जिससे होकर जल प्रवाहित होता है। बाँध का निर्माण नदियों पर किया जाता है तथा वर्षा जल को निचले मैदानी क्षेत्र में एकत्रित कर लिया जाता है। इस एकत्रित जल को नहरों के माध्यम से खेतों तक पहुँचाया जाता है। इस प्रकार बाँध जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्राचीन भारत में कलिंग (उड़ीसा), नागार्जुन कोंडा (आंध्रप्रदेश), वेन्नूर (कर्नाटक) आदि स्थानों पर बाँधों का अस्तित्व था। आधुनिक काल में महानदी पर हीराकुंड परियोजना, सतलज नदी पर भाखड़ा परियोजना, कोसी नदी पर कोसी परियोजना आदि प्रमुख बाँधे हैं।
➦ 10. बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना किसे कहते है ? नदी घाटी परियोजना द्वारा पूरित किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख करें।
➥ उत्तर - बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना का अर्थ एक एकीकृत रूप में नदी घाटी से सम्बन्धित अनेक समस्याओं को हल करना है।
नदी घाटी परियोजना के उद्देश्य :-
(क) बाढ़ रोकना,
(ख) भू-अपरदन रोकना,
(ग) सिंचाई के लिए जल प्रदान करना,
(घ) पेय-उद्देश्यों के लिए।
➥ उत्तर - नवीकरण योग्य संसाधन वे होते हैं जिनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है। इस परिभाषा के अनुसार जल भी एक नवीकरण योग्य संसाधन है। पानी समुद्रों, नदियों, झीलों और खेतों आदि से वाष्प बनकर उड़ता रहता है। आखिर में जाकर जब ये वाष्प ठण्डे हो जाते हैं तो वे फिर वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आ जाते हैं। यह जल-चक्र जल को एक नवीकरण योग्य संसाधन बना देता है। जिसका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
➦ 2. जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं ?
➥ उत्तर - जल यद्यपि प्रकृति का असमाप्त होने वाला उपहार है फिर भी असमान वितरण, अत्यधिक माँग एवं दुरुपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल दुर्लभ होता जा रहा है। जल की कमी की इस समस्या को जल दुर्लभता कहते हैं।
जल दुर्लभता के कारण :-
(क) संसार भर में जितना पानी उपलब्ध है उसका 2.5% ही मीठे पानी का है। इस मीठे जल का कोई 70% भाग पहाड़ों पर बर्फ के रूप में पाया जाता है। इस प्रकार मीठे और स्वच्छ पानी की मात्रा बहुत कम रह जाती है।
(ख) निरन्तर बढ़ रही जनसंख्या के कारण भी प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता निरन्तर कम होती जा रही है।
(ग) जब हम खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता से अधिक प्रयोग करते हैं तो भी पानी की कमी हो जाती है।
(घ) नित्य प्रति बढ़ने वाले उद्योगों के कारण भी पानी की कमी हो जाती है। कई उद्योगों (जैसे- कागज उद्योग, इस्पात उद्योग आदि) में पानी की बड़ी खपत हो जाती है।
(ड) शहरों के निरन्तर बढ़ने से भी पानी की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है, जिसके कारण पानी की कमी हो जाती है।
➦ 3. राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है ? व्याख्या करें।
➥ उत्तर - राजस्थान का एक बड़ा भाग मरुस्थल है इसलिए यहाँ पानी का अभाव सदा ही एक समस्या बना रहा है। इस तथ्य को सामने रखते हुए वहाँ के विभिन्न शासकों ने अनेक प्रकार के जलाशयों का निर्माण करके इस समस्या को दूर करने का प्रयत्न किया। आज भी बहुत से जलाशय हमें राजस्थान के विभिन्न भागों में देखने को मिल जाते हैं । राजस्थान में कुछ मानव निर्मित झीलें और सरोवर इस प्रकार हैं - 11 वीं शताब्दी में परमार राजा भोज द्वारा निर्मित भोपाल ताल, उदयपुर में पिछौला और उदय सागर, जैसलमेर में गडसीसर, अजमेर में अनासागर, जयपुर के निकट जयगढ़ का किला जल संग्रहण तथा अभियांत्रिकी का उत्तम नमूना प्रस्तुत करता है। ये प्रयत्न समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हमारी विरासत का एक महत्त्वपूर्ण पहलू हैं। पानी की कमी को पूरा करने के लिए राजस्थान में अनेक बावड़ीयों (सीढ़ियों वाले कुँओं) का निर्माण किया गया।
➦ 4. जल संसाधन से क्या समझते हैं ? इससे होने वाले लाभ लिखें।
➥ उत्तर - पृथ्वी पर प्राप्त जल का वह भाग जिसका उपयोग मानव के द्वारा किसी-न-किसी रूप में किया जाता है जल संसाधन कहलाता है।
इससे होने वाले लाभ :-
(क) कृषि में सिंचाई के लिए,
(ख) पीने और घरेलु कार्यों में,
(ग) औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति में,
(घ) सभी प्रकार के गंदगी के निपटान के लिए।
➦ 5. जल संरक्षण के विभिन्न उपाय बताएँ।
➥ उत्तर - जल संरक्षण के उपाय :-
(क) जल को संशोधित करके इसे बार-बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ख) वर्षा के दिनों में जो जल व्यर्थ में बहकर समुद्र में चला जाता है उसे नहरें खोदकर सिंचाई के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) बड़े-बड़े गहरे तालाब बनाकर इस पानी को एकत्रित किया जा सकता है और गर्मी के महीनों में जल का प्रयोग सिंचाई अथवा अन्य कार्यों में किया जा सकता है।
(घ) पानी का संरक्षण करके हम अधिक उपज पैदा कर सकते हैं और अधिक बिजली पैदा करके हम कोयले और तेल जैसे अनापूर्ति स्रोतों को बचा सकते हैं। जल प्रकृति की महान देन है इसलिए इसका उपयोग बड़ी समझदारी से करना चाहिए।
➦ 6. जीवन में जल के महत्व का वर्णन करें।
➥ उत्तर - जीवन में जल के महत्व निम्नांकित हैं :-
(क) जल मनुष्यों, पौधों और जन्तुओं के अस्तित्व तथा विकास के लिए आवश्यक है।
(ख) जल समुद्री मार्ग के रूप में यातायात का महत्वपूर्ण साधन होता है।
(ग) जल सिंचाई का साधन होता है।
(घ) जल मनुष्य को पीने, खाना बनाने, कपड़े धोने तथा अन्य घरेलू कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।
(ङ) जल से जलविद्युत बनाई जाती है।
➦ 7. वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य क्या हैं?
➥ उत्तर - वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य :-
(क) जल की बढ़ती माँग को पूरा करना,
(ख) धरातल पर बहते जल की मात्रा को कम करना,
(ग) सड़कों को जल भराव से बचाना,
(घ) भौम जल को इक्ट्ठा करने की क्षमता तथा जलस्तर को बढ़ाना,
(ङ) भौम जल प्रदूषण को घटाना,
(च) भौम जल की गुणवत्ता को बढ़ाना,
(छ) ग्रीष्म ऋतु तथा लंबी शुष्क अवधि में जल की घरेलू आवश्यकता को पूरा करना।
➦ 8. वर्षा जल-संग्रहण के लाभों को लिखें।
➥ उत्तर - वर्षा जल-संग्रहण के लाभ :-
(क) इसे साफ करके स्थानीय लोगों की पानी पीने की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।
(ख) इस पानी को वर्षा के कम होने या न होने के समय खेतों की सिंचाई करने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) इस पानी का एक लाभ यह भी होता है कि धरातल के नीचे पानी का स्तर ऊँचा रहता है जिससे कुंओं और नल-कूपों द्वारा पानी बाहर निकाल कर प्रयोग में लाया जा सकता है।
(घ) इस ढंग से जल संग्रहण के परिणामस्वरूप शहरों में गन्दे जल की निकास व्यवस्था पर भी इतना बोझा नहीं पड़ता।
जब वर्षा जल-संग्रहण के इतने लाभ हैं तो लोगों को विशेषकर ग्रामीण लोगों को इससे पूरा-पूरा लाभ उठाना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार हमारा एक साधारण गाँव कोई 340 हैक्टेयर भूमि पर 3.75 बिलियन लिटर पानी को एकत्रित कर सकता है और सूखे की स्थिति और दुर्भिक्ष की स्थिति से बच सकता है।
➦ 9. बाँध क्या है ? वे जल के संरक्षण एवं प्रबंधन में कैसे सहायक है ?
➥ उत्तर - बाँध सामान्य रूप से एक जलाशय है। इसका निर्माण बहते जल को रोकने, जल की दिशा बदलने आदि के लिए किया जाता है। बाँध में एक ढलवाँ हिस्सा होता है जिससे होकर जल प्रवाहित होता है। बाँध का निर्माण नदियों पर किया जाता है तथा वर्षा जल को निचले मैदानी क्षेत्र में एकत्रित कर लिया जाता है। इस एकत्रित जल को नहरों के माध्यम से खेतों तक पहुँचाया जाता है। इस प्रकार बाँध जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्राचीन भारत में कलिंग (उड़ीसा), नागार्जुन कोंडा (आंध्रप्रदेश), वेन्नूर (कर्नाटक) आदि स्थानों पर बाँधों का अस्तित्व था। आधुनिक काल में महानदी पर हीराकुंड परियोजना, सतलज नदी पर भाखड़ा परियोजना, कोसी नदी पर कोसी परियोजना आदि प्रमुख बाँधे हैं।
➦ 10. बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना किसे कहते है ? नदी घाटी परियोजना द्वारा पूरित किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख करें।
➥ उत्तर - बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना का अर्थ एक एकीकृत रूप में नदी घाटी से सम्बन्धित अनेक समस्याओं को हल करना है।
नदी घाटी परियोजना के उद्देश्य :-
(क) बाढ़ रोकना,
(ख) भू-अपरदन रोकना,
(ग) सिंचाई के लिए जल प्रदान करना,
(घ) पेय-उद्देश्यों के लिए।
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