इस पेज में कक्षा 10 के सामाजिक विज्ञान (इतिहास) के अध्याय 2 - इंडो-चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन पाठ का दीर्घ उत्तरीय (Long Answer Type) प्रश्न उत्तर हिंदी में प्रस्तुत किया गया है ।
NCERT Solutions for Class 10 History Chapter 2 in Hindi (Long Question Answer)
1. वियतनाम के बारे में फान चू त्रिन्ह का उद्देश्य क्या था ? फान बोई चाऊ और उनके विचारों में क्या भिन्नता थी ?
उत्तर - (क) फान चू त्रिन्ह एक राष्ट्रवादी नेता थे। पश्चिम के लोकतांत्रिक आदर्शों से प्रभावित त्रिन्ह पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह खारिज करने के खिलाफ थे। वह वियतनाम में लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करना चाहते थे। वे फ्रांसीसी क्रांतिकारी आदर्शों से काफी प्रभावित थे।
(ख) फान चू त्रिन्ह तथा फान बोऊ चाऊ के विचारों में काफी भिन्नताएँ थीं। बोऊ चाऊ जहाँ पश्चिमी मान्यताओं को पूरी तरह खारिज करने के पक्ष में थे वहीं चू त्रिन्ह पश्चिमी मान्यताओं के आदर्श रूप जैसे स्वतंत्रता, समानता, लोकतंत्र संविधान आदि को अपनाने के पक्ष में थे।
(ग) बोऊ चाऊ राजतंत्र के समर्थक थे जबकि चू त्रिन्ह राजतंत्र के कट्टर विरोधी थे।
(घ) बोऊ चाऊ वियतनाम से फ्रांसीसियों को निकालने के लिए चीनी राजशाही की मदद लेने के पक्ष में थे जबकि चू त्रिन्ह को यह मंजूर नहीं था।
2. वियतनाम की संस्कृति और जीवन पर चीन के प्रभावों की व्याख्या करें।
उत्तर - वियतनाम की संस्कृति और जीवन पर चीन का प्रभाव :-
(क) इंडो-चाइना तीन देशों से मिलकर बना है। ये तीन देश हैं- वियतनाम, लाओस और कंबोडिया। इस पूरे इलाके के प्रारम्भिक इतिहास से पता चलता है कि यहाँ पहले शक्तिशाली चीन साम्राज्य का वर्चस्व था जिसे आज उत्तरी और मध्य वियतनाम कहा जाता है। जब वहाँ एक स्वतंत्र देश की स्थापना हुई तब वहाँ के शासकों ने चीनी शासन व्यवस्था के साथ-साथ चीनी संस्कृति को भी अपनाए रखा।
(ख) वियतनाम उस मार्ग से भी चीन से जुड़ा रहा जिसे समुद्री सिल्क मार्ग कहा जाता था। इस मार्ग से अनेक वस्तुएँ आती थीं। इसके साथ अनेक लोगों का आपस में संपर्क होने लगा था और विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
(ग) वियतनाम पर फ्रांसीसी उपनिवेश की स्थापना के बाद फ्रांस यहाँ अपनी भाषा और संस्कृति को वियतनामियों पर थोपना चाहा। तब वियतनाम के कुलीन और धनी लोग चीनी भाषा, संस्कृति आदि से प्रभावित थे, उन्होंने फ्रांसीसी संस्कृति को हावी नहीं होने दिया।
(घ) वियतनाम के लोगों के लिए कन्फ्यूशियस आदर्श का प्रतीक था। यहाँ के अभिजात वर्ग के लोग चीनी भाषा और कन्फ्यूशियसवाद की शिक्षा लेते थे। बौद्ध धर्म और स्थानीय मूल्य-मान्यताओं, दोनों का यहाँ सम्मिश्रण था।
(ङ) वियतनाम के समकालीन इतिहास में भी चीन साम्यवाद के प्रभाव को देखा जा सकता है।
3. वियतनाम में उपनिवेशवाद-विरोधी भावनाओं के विकास में धार्मिक संगठनों की भूमिका क्या थी ?
उत्तर- (क) यद्यपि धर्म ने औपनिवेशिक शासन को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका अदा की थी। लेकिन दूसरी तरफ प्रतिरोध के नए-नए रास्ते भी खोल दिए।
(ख) वियतनामियों के धार्मिक विश्वास बौद्ध धर्म, कन्फ्यूशियसवाद और स्थानीय रीति-रिवाजों पर आधारित थे। फ्रांसीसी मिशनरी वियतनाम में ईसाई धर्म के बीज बोने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें वियतनामियों के धार्मिक जीवन में इस तरह का तालमेल पसंद नहीं था। उन्हें ऐसा लगता था कि पराभौतिक शक्तियों को पूजने की वियतनामियों की आदत को सुधारा जाना चाहिए।
(ग) अठारहवीं सदी से ही बहुत सारी धार्मिक आंदोलन पश्चिमी शक्तियों के प्रभाव और उपस्थिति के खिलाफ जागृति फैलाने का प्रयास कर रहे थे।
(घ) 1868 ई० का विद्वानों का विद्रोह फ्रांसिसी कब्जे और ईसाई धर्म के प्रसार के खिलाफ शुरूआती आंदोलनों में से था। इस आंदोलन की बागडोर शाही दरबार के अफसरों के हाथों में थी।
(ङ) फ्रांसीसियों ने 1868 ई० के आंदोलन को तो कुचल डाला लेकिन इस बगावत ने फ्रांसीसियों के खिलाफ अन्य देशभक्तों में उत्साह का संचार कर दिया।
4. वियतनाम युद्ध में अमेरिकी हिस्सेदारी के कारणों की व्याख्या करें। अमेरिका के इस कृत्य से अमेरिका में जीवन पर क्या असर पड़े ?
उत्तर- वियतनाम युद्ध में अमेरिका के वहाँ कूदने का एक ही मुख्य कारण था, वहाँ कम्युनिज्म का फैलना। अमेरिका कभी नहीं चाहता था कि दुनिया के किसी भी हिस्से में कम्युनिज्म फैले। वह इसे रोकना चाहता था। अतः उसने वियतनाम में सैन्य बल भेज दिए और अमेरिका-वियतनाम युद्ध आरम्भ हो गया।
अमेरिकी जन-जीवन पर प्रभाव :-
(क) बहुत से अमेरिकी नागरिक अमेरिकी सरकार की युद्ध-नीति की आलोचना करने लगे।
(ख) युवाओं को सेना में भर्ती किया जाने लगा। जब युवा सैनिक मरने लगे तो लोगों का गुस्सा काफी बढ़ गया।
(ग) मोर्चे पर भेजे जाने वालों में ज्यादातर अल्पसंख्यक और गरीब मेहनतकशों के बच्चे थे। अभिजात्य वर्ग को छोड़ दिया गया था। सरकार की इस नीति की आलोचना होने लगी।
(घ) युद्ध को सीधे टी० वी० समाचारों में दिखाया जाता था। इससे वियतनाम में अमेरिकी जुल्म और बर्बरता के लिए उसे अंतर्राष्ट्रीय निंदा झेलनी पड़ी।
5. हो-ची-मिन्ह मार्ग पर वियतनामियों ने अमेरिका के विरुद्ध किस तरह लोहा लिया ? चर्चा करें।
उत्तर - (क) हो-ची-मिन्ह भूलभूलैया मार्ग फुटपाथों तथा सड़कों का एक विशाल नेटवर्क था इस मार्ग के माध्यम से देश के उत्तर से दक्षिण की ओर सैनिक व रसद भेजे जाते थे।
(ख) इस मार्ग पर जगह-जगह छोटे-छोटे सैनिक अड्डे और अस्पताल बने हुए थे। जहाँ घायलों का उपचार किया जाता था।
(ग) हो-ची-मिन्ह मार्ग को देखते ही इस बात को अच्छी तरह समझा जा सकता है कि वियतनामियों ने अमेरिका के विरुद्ध किस प्रकार युद्ध लड़ा।
(घ) इससे स्पष्ट होता है कि वियतनाम के लोगों ने अपने सीमित संसाधनों को कितनी सूझबूझ से भरी सैन्य शक्ति के विरुद्ध उपयोग किया।
(ङ) इस मार्ग द्वारा प्रत्येक मास लगभग 20,000 उत्तरी वियतनामी सैनिक दक्षिणी वियतनाम पहुँचने लगे थे।
6. हो-ची-मिन्ह भूल-भूलैया मार्ग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर - हो-ची-मिन्ह मार्ग फुटपाथों और सड़कों का एक विशाल नेटवर्क था जिसके जरिए वियतनामी सेना द्वारा उत्तर से दक्षिण की ओर सैनिक और रसद भेजी जाती थी । इस मार्ग पर छोटे-छोटे सैनिक अड्डे और अस्पताल भी बने हुए थे जहाँ सैनिकों को आवश्यक सुविधाएँ प्राप्त होती थीं। इस मार्ग का अधिकांश हिस्सा वियतनाम के बाहर लाओस तथा कम्बोडिया में पड़ता था जिसके अनेक सिरे वियतनाम में जाकर खुलते थे। यह मार्ग इतना पेचीदा था कि अमेरिकी टुकड़ियों की लगातार बम वर्षा से भी इन मार्गों को काटा या बन्द नहीं किया जा सका। ध्वस्त हिस्सों को वियतनामी तुरंत मरम्मत करके चालू कर देते थे।
7. वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की क्या भूमिका थी? इसकी तुलना भारतीय राष्ट्रवादी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका से करें।
उत्तर - वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका :-
(क) ट्रंग बहनों और त्रियू अयू जैसी वीर वियतनामी औरतों की प्राचीन दंत कथाओं ने 20वीं सदी में अनेक वियतनामी राष्ट्रवादियों को प्रोत्साहित किया।
(ख) जब पुरुष सैनिकों की शहादत बढ़ने लगी तो वियतनामी औरतों ने स्वयं को पुलिस, सेना, कुली, मालवाहकों और प्रोफेशनलों के रूप में भर्ती किया।
(ग) वियतनामी योद्धा औरतों ने अमेरिकी सैनिकों से लोहा लिया। उन्होंने जेट विमान गिराए, सैन्य क्षेत्र में युद्ध लड़ा। वे हाथों में राइफलें और हथौड़े लिए रहती थीं।
राष्ट्रवादी भारतीय महिलाओं की वियतनामी महिलाओं से तुलना :-
(क) भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में भारतीय औरतों का योगदान भी वियतनामी महिलाओं से कमतर नहीं था। भारतीय औरतों ने युद्ध लड़े और गाँधीजी के नेतृत्व में सत्याग्रह में भी भाग लिया।
(ख) 1857 के विद्रोह में झाँसी की लक्ष्मीबाई और लखनऊ की जीनत महल ने सराहनीय भूमिका निभाई। इस समय अनेक महिलाएँ देश के लिए कुर्बान हुईं।
(ग) महिलाएँ अनेक गुप्त संगठनों में सक्रिय रहीं नेताओं के आह्वान पर अनेक भारतीय महिलाओं ने स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन में भाग लिया था। होमरूल आंदोलन को चलाने में श्रीमती एनीबसेंट को श्रेय दिया जाता है
8. फ्रांसीसी नीति निर्माता वियतनाम के लोगों को क्यों शिक्षित करना चाहते थे ? तीन कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर - फ्रांसीसी नीति निर्माता वियतनाम के लोगों को निम्नांकित प्रमुख तीन कारणों से शिक्षित करना चाहते थे :-
(क) फ्रांसीसी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने से वियतनाम के लोग फ्रांस की संस्कृति और सभ्यता से परिचित होंगे। इस प्रकार "यूरोपीय फ्रांस के साथ मजबूती से बँधे एक एशियाई फ्रांस" की रचना में मदद मिलेगी।
(ख) वियतनाम के शिक्षा प्राप्त लोग फ्रांसीसी भावनाओं एवं आदर्शों का सम्मान करने लगेंगे। फ्रांसीसी संस्कृति के कायल हो जाएँगे। औपनिवेशिक शासन को सही ठहराया जाएगा। इस प्रकार वे फ्रांसीसियों के लिए लगन से काम करेंगे।
(ग) स्कूली किताबों में फ्रांसीसियों का गुणगान किया गया। उनका विचार था कि अगर छोटी कक्षाओं में वियतनामी और बड़ी कक्षाओं में फ्रांसीसी भाषा में शिक्षा दी जाए तो बेहतर होगा। फ्रांस की संस्कृति को अपनाने वालों को फ्रांस की नागरिकता प्रदान की जाएगी। विद्यार्थियों को पढ़ाया जाने लगा कि केवल फ्रांसीसी ही वियतनाम में शांति और सुव्यवस्था कायम कर सकते हैं।
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